इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक: 8वां स्थापना दिवस, 12 करोड़ ग्राहक और घर-घर बैंकिंग सेवाएं
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आईपीपीबी का 8वां स्थापना दिवस और 12 करोड़ से अधिक ग्राहकों की उपलब्धि।
1.64 लाख डाकघरों और 1.90 लाख डाकियों के नेटवर्क से घर-घर बैंकिंग।
डिजिटल बैंकिंग, डीबीटी, बीमा और निवेश सेवाओं में अग्रणी नवाचार।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने आज अपना 8वां स्थापना दिवस मनाया, जिसे आईपीपीबी दिवस के रूप में जाना जाता है। यह दिवस समाज के सभी व्यक्तियों तक समावेशी, सुलभ और किफायती सेवाएं प्रदान करके बैंकिंग परिदृश्य में बदलाव लाने की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित हुआ है। स्थापना के बाद से, आईपीपीबी 1.64 लाख से अधिक डाकघरों और 1.90 लाख से अधिक डाकियों तथा ग्रामीण डाक सेवकों (जीडीएस) की अद्वितीय पहुंच का लाभ उठाते हुए, वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहलों में से एक के रूप में उभरा है।
बैंक ने 12 करोड़ से अधिक ग्राहकों को सफलतापूर्वक जोड़ा है, अरबों डिजिटल लेनदेन प्रोसेस किए हैं और ग्रामीण, अर्ध-शहरी और दूरदराज के क्षेत्रों में घर-घर बैंकिंग सेवाएं प्रदान की हैं। हाल के नवोन्मेषणों ने आईपीपीबी के पोर्टफोलियो को और सुदृढ़ किया है। बैंक ने साझेदार संस्थानों के सहयोग से संपूर्ण प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) संवितरण, पेंशन भुगतान, रेफरल गठजोड़ के माध्यम से ऋण सुविधा और बीमा एवं निवेश उत्पादों में विस्तार किया है। डिजिस्मार्ट (डिजिटल बचत खाते), प्रीमियम आरोग्य बचत खाता (स्वास्थ्य लाभ वाला बैंक खाता), आधार-आधारित चेहरा प्रमाणीकरण जैसी नई पेशकशों ने ग्राहक सुविधा और डिजिटल बैंकिंग सेवाओं की मांग पर उपलब्धता के नए आयाम जोड़े हैं। रुपे वर्चुअल डेबिट कार्ड, एईपीएस (आधार-सक्षम भुगतान सेवाएं), सीमा-पार प्रेषण और भारत बिल-पे एकीकरण ने आईपीपीबी को जमीनी स्तर पर एक व्यापक वित्तीय सेवा प्रदाता बना दिया है।
आईपीपीबी की अध्यक्ष सुश्री वंदिता कौल ने कहा, "आईपीपीबी ने यह प्रदर्शित कर दिया है कि वित्तीय समावेशन केवल एक विजन नहीं, बल्कि एक साकार करने योग्य वास्तविकता है। डाक बैंकिंग के अपने अनूठे मॉडल के साथ, हमने लाखों भारतीयों, खासकर ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में, बैंकिंग सेवा को उनके घर तक पहुंचाकर उन्हें सशक्त बनाया है। हमारी यह यात्रा समग्र वित्तीय सेवा प्रदान करने के लिए एक वैश्विक मानक स्थापित करती है। यह आठवां स्थापना दिवस और भी विशिष्ट है क्योंकि आईपीपीबी ने 12 करोड़ ग्राहकों का आंकड़ा पार कर लिया है।" आईपीपीबी के एमडी और सीईओ श्री आर. विश्वेश्वरन ने कहा, "अपने आठवें स्थापना दिवस पर, हम 12 करोड़ से ज़्यादा ग्राहकों तक वित्तीय सेवाओं की पहुंच को नया रूप देने में आईपीपीबी की भूमिका पर गर्व करते हैं। हमारे डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक आम नागरिकों के लिए बैंकर बन गए हैं, जिससे लाखों-करोड़ों रुपये के लेनदेन लोगों के घर पर ही संभव हो रहे हैं। डिजिटल भुगतान और विभिन्न ग्राहक-केंद्रित सेवाओं के साथ, हम एक मज़बूत और समावेशी वित्तीय इकोसिस्टम का निर्माण कर रहे हैं।
बैंकिंग का भविष्य परिपूर्णता की ओर अग्रसर है और आईपीपीबी इस बदलाव का नेतृत्व कर रहा है।" पिछले कुछ वर्षों में, आईपीपीबी ने न केवल नागरिकों के दैनिक जीवन को बेहतर बनाया है, बल्कि भारत और वैश्विक स्तर पर डाक विभाग की उपस्थिति और प्रभाव को भी सुदृढ़ बनाया है। विश्वास, प्रौद्योगिकी और पहुंच को समेकित करने के द्वारा आईपीपीबी इस बात को निरंतर पुनर्परिभाषित कर रहा है कि एक बैंक सामाजिक और आर्थिक रूपातंरण के एक वास्तविक सक्षमकर्ता के रूप में किस प्रकार कार्य कर सकता है।
इस महत्वपूर्ण दिन पर, आईपीपीबी ने भारत की वित्तीय समावेशन यात्रा को आकार देने और एक ऐसे भविष्य का निर्माण करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई जहां "हर भारतीय को - कभी भी, कहीं भी, उनके घर के द्वार तक बैंकिंग सुविधा उपलब्ध हो।" इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के बारे में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) की स्थापना संचार मंत्रालय के डाक विभाग के अंतर्गत भारत सरकार के स्वामित्व वाली 100 प्रतिशत इक्विटी के साथ की गई है। आईपीपीबी की शुरुआत 1 सितंबर, 2018 को हुई थी। इस बैंक की स्थापना भारत में आम आदमी के लिए सबसे सुलभ, किफायती और विश्वसनीय बैंक बनाने के उद्देश्य से की गई है।